Breaking
Mon. Jul 21st, 2025

प्लास्टिक प्रदूषण पर वार: विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम में छुपा बड़ा संदेश

प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण दिवस 2025 में केंद्र में, जानिए कैसे यह हमारे स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए खतरा है।

पर्यावरण की आवश्यकता हमें इसलिए महसूस होती है कि पर्यावरण हमारे जीवन का आधारभूत है।
यह हमे सांस लेने के लिए हवा, पीने के लिए पानी, खाने के लिए भोजन और निवास के लिए यह जगह प्रदान करता है। पर्यावरण के बिना जीवन असंभव लगता है।‌ संयुक्तराष्ट्र महासभा ने 5 जून को 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में नामित किया जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीडन की राजधानी स्टाक ह़ोम में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह सम्मेलन पर्यावरण संरक्षण के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया था। पर्यावरण संरक्षण या पर्यावरण दिवस प्रकाश शामिल है ।जैविक घटकों में सभी जीवित चीजे पौधे, जानवर, सूक्ष्म जीव आदि शामिल हैं। पर्यावरण के अजैविक घ मनाने का उद्देश्य था कि लोगों को इसकी आवश्यकता एवं महत्व के प्रति जागरूक करना तथा इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना था। विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में केवल एक पृथ्वी के नारे के साथ मनाया गया था। विश्व के लगभग 143 देश में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष पर्यावरण का आयोजन अलग-अलग देश में किया जाता है हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी एक अलग देश द्वारा की जाती है जहां पर आधिकारिक रूप से समारोह आयोजित किए जातें हैं। 2025 के लिए मेजबान देश दक्षिण कोरिया है जिसमें समुद्री पर्यावरण सहित प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतर सरकारी वार्ता समितिके पांचवें क्षेत्र के पहले भाग की मेजबानी की थी ।कोरिया गणराज्य द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के लिए वैश्विक अवलोकन की मेजबानी का दूसरा अवसर है।

अब हम पर्यावरण के अर्थ एवं इसकेक्षेत्र के बारे में भी चर्चा करते हैं सबसे पहले पर्यावरण का अर्थ क्या है ?

पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर के बना है परि+ आवरण परि काअर्थ है चारों ओर से और आवरण का अर्थ है घेरे हुए हो अर्थात वह चीज जो हमें प्रभावित करती हैं वहीं पर्यावरण है। हमारे पर्यावरण में कई चीजें शामिल होती है इनमें निर्जीव (अजैविक) और सजीव (अजैविक) घटक शामिल हैं अजैविक घटकों में वायु, जल, भूमि व सूर्यकाटक वायु (वायुमंडल )यह पृथ्वी को घेरने वाली गैसों का मिश्रण है जो हमारे सांस लेने के लिए आवश्यक है। जल (जल मंडल) पृथ्वी पर पाया जाने वाला पानी जो समुद्र, नदियां, झीलें आदि के रूप में होता है । भूमि (स्थलमडल) पृथ्वी की सतह जो चट्टानों, मिट्टी और खनिजों से बनी होती हैं इसमें अयस्क, रत्न विभिन्न प्रकार की चीजें हैं‌। सूर्यका प्रकाश (सौर ऊर्जा ) जीवन के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। तापमान और आद्रता यह वायुमंडलीय कारक जीवन के लिए महत्वपूर्णहै।

जैविक घटक -पौधे (पादप जगत) में पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक है जो भोजन ऑक्सीजन और आवास प्रदान करते हैं जानवर जीव जगत जो भोजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।और विविध पारिस्थितिक तंत्र का भाग है । सूक्ष्मजीव यह विभिन्न प्रकार के जीवों को शामिल करते हैं जैसे शैवाल, बैक्टीरिया ,कवक और वायरस जो विभिन्न प्रकार की पारिस्थितिकीय भूमिका निभाते हैं।

पर्यावरण असंतुलित हो जाने पर हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है मुख्य रूप से हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है प्रदूषित जल से सांस की बीमारियां जैसे अस्थमा, त्वचा रोग, कैंसर और अन्य बीमारियां हो सकती है ।प्रदूषण में बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है जल प्रदूषण से टाइफाइड ,पीलिया ,हैजा जैसी बीमारियां हो सकती हैं। आर्थिक प्रभाव भी पढ़ता है कृषि और मत्स्य उद्योग प्रभावित हो सकता है जिससे खाद्य संकट और आर्थिक नुकसान हो सकता है।

प्राकृतिक आपदाओं में से बाढ़ सूखा से आर्थिक नुकसान बढ़ सकता है। मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है। हरे भरे और स्वच्छ वातावरण में मानसिक शांति और प्रसन्नता होती है जबकि शहरीकरण और प्रदूषण से तनाव और चिंता बढ़ सकती है ।

पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए हमें पेड़ लगाना चाहिए और वन क्षेत्रों की रक्षा करना चाहिए पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन का उत्पादन करते है। जिससे वायु प्रदूषण कम होगा ।वनों की रक्षा करने से जैवविविधता भी संरक्षित होती है। हमें जल का संरक्षण करना चाहिए पानी का प्रयोग समझदारी से करें व्यर्थ में पानी बहाना बंद करें।

प्लास्टिक का उपयोग कम करना चाहिए प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है यह पानी औरमिट्टी को प्रदूषित करती है ।हमें ऊर्जा की बचत करनी चाहिए इससे प्रदूषण को कम कर सकते हैं और प्राकृतिक साधनों का संरक्षण करना चाहिए हैं। कचरा प्रबंधन में कचरे का सही ढंग से अलग करके और रीसाइकल करके हमें प्रदूषण कम कर सकते हैं।

ओमप्रकाश ‘सुमन’पूर्व प्रवक्ता स्मृति महाविद्यालय भीरा लखीमपुर खीरी

Related Post

Leave a Reply